देवर को पटा कर चुदवाया

हेलो सब लोग, मैं शबाना हूं। मैं पहली बार इस वेबसाइट पर अपनी हिंदी सेक्स कहानी लेकर आई हूं। ये कहानी मेरी और मेरे देवर नदीम की है, जिसे मैं बहुत ज्यादा प्यार करती हूं। इस कहानी का शीर्षक देवर को पटा कर चुदवायाप्यासी चूत भूखा देवर है।

बात तब की है, जब शादी के बाद मेरे पति विदेश चले गए। उस दिनो मेरे पति का चचेरा भाई नदीम कुछ दिनों के लिए हमारे घर आया था, वो हमारे घर रहने आया था, घर में मैं और मेरे बूढ़े सास-ससुर ही रहते हैं।

घर में मेरे साथ हंसी-मज़ाक करने वाला कोई नहीं था। इसलिए मैं घर में बहुत बोर हो जाती थी। उसके हमारे घर में आने से ऐसा लगा, जैसे मुझे कोई सहारा मिल गया।

मेरे सास-ससुर बड़े धार्मिक थे और हमेशा अपनी इबादत में लगे रहते थे। इस वजह से उन्हें मेरी और मेरे देवर की कोई चिंता नहीं थी।

मैं और मेरा देवर भाई-बहन की तरह रहते थे, लेकिन वक्त को कुछ और ही मंजूर था। मेरे देवर के रिश्ते की बात चल रही थी, जो बाद में टूट गई। (प्यासी चूत भूखा देवर)

रिश्ता टूटने के बाद मैंने देखा, कि वो बहुत परेशान रहने लग गया था। फिर मैंने उसको अपना कुछ वक्त देना चाहा।

वो बहुत ही शर्मीला था और मुझे उसको कुछ हौसला देना था। फ़िर मैं उसको समझाने लगी-

मैं: देखो नदीम, एक रिश्ता टूटे से तुम्हें कमज़ोर नहीं होना है।

जब मैं उसको समझा रही थी, तो वो बहुत मायुस महसूस कर रहा था। फिर मैंने सोचा कि उसको गले से लगा कर हौसला दू, जिससे उसको भी अच्छा लगे।

इसलिए मैंने उसको गले लगा लिया, लेकिन पता नहीं ऐसी क्या बात थी, जिसकी वजह से मेरा दिल उसको अपने गले से दूर करने के लिए मान ही नहीं रहा था।

फिर अचानक मेरे मन में नदीम के साथ सेक्स के लिए उमंग जागने लग गई। वो बेचारा मुझे हाथ भी नहीं लगा रहा था और मुझे बहन समझ कर उसने गले लगाया हुआ था।

मैंने उसको काफी देर तक अपने गले से लगाया हुआ था और ऐसे ही हमें पता ही नहीं चला, कि हम कब सो गए। रात को जब मेरी आँख खुली, तो मैंने देखा, कि मेरे हाथ में उसका लंड था।

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मुझे भी उसका लंड चाहिए था, लेकिन मैं उसको अभी और आज़माना चाहती थी। क्योंकि मैं जानती थी, कि वो मेरे जाल में फंसने वाला था।

फिर मैंने अपनी पैंटी उतार दी और अपनी चूत को उसके लंड के साथ लगा कर और उसको बाहो में लेकर फिर से सो गई। मुझे बिल्कुल नींद नहीं आ रही थी।

फिर मैंने उसके होठों पर किस किया और अपने आप को कंट्रोल करके जैसे-तैसे सो गई।

सुबह जब वो उठी, तो वो अपना लंड मेरी चूत से चिपका देखा और अपना हाथ मेरे गोल चुचो पर देख कर शर्मा गया।

उसने जल्दी से अपना लंड अपनी लुंगी में छुपा लिया और मुझे सॉरी कहने लगा, रात में मेरी बाहों में सोने के लिए। लेकिन अब मुझे उसका लंड चाहिए था और मैं उसके लंड का पानी पीना चाहती थी। (देवर को पटा कर चुदवाया)

मैं उसको अपनी प्यारी सी चूत का पानी पिला कर उसे खुश करना चाहती थी।उसके टूटे हुए दिल को जोड़ना चाहती थी और उसके लंड से चुदना चाहती थी। इसके लिए मैं सही वक्त का इंतजार करने लग गई।

जब मैंने अपने पति को फोन पर नदीम के टूटे हुए दिल के बारे में बताया, तो उसे मुझसे कहा, कि मैं ऐसे वक्त में नदीम को अच्छे से संभालूं।

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मतलब मुझे एक तरह का ग्रीन सिग्नल मिल गया था, उसके पास जाने के लिए।अब मैं उससे हर हाल में अपनी चुदाई करवाना चाहती थी।

बहुत दिनों से मेरी प्यासी चूत को लंड मिलने का मौका मिलने वाला था। फ़िर मैं जान-बूझ कर उसको अपने खूबसूरत बूब्स दिखाने लगी और उसके सामने ही अपनी चूत सहलाने लग गई।

मैंने ये महसूस किया था, कि वो भी अब मेरे जाल में फस्ता जा रहा था। वो अब मुझे चुपके से देखने की कोशिश करता था।

एक बार मैं जान-बूझ कर उसे बातें करने के बहाने से, नाइटी पहन कर उसके कमरे में चली गई। मेरी नाइटी एक दम पारदर्शी थी, जिसमे मेरे बूब्स और निप्पल साफ झलक रहे थे।

फिर हम इधर-उधर की बातें करने लग गए। फिर अचानक मैंने उससे पूछा-

मैं: जब उस दिन तुम्हारा रिश्ता टूटा था, तो तुम इतना घबराए हुए क्यों थे?

उसने कहा: मुझे एक ऐसा पार्टनर चाहिए, जो मुझे अच्छे से समझ सके।और ये बोल कर वो फिर रोने लग गया।

मैंने भी मौके का फायदा उठाया, उसको अपनी बाहों में ले लिया। इस बार वो बेकाबू हो गया और मुझे किस करने लग गया।

उसने मेरे होठों का रस पीना शुरू कर दिया और मैंने उसको बिल्कुल भी नहीं रोका। क्योकि मेरा भी तो यही मन था।

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आज मैं उसको पूरी तरह से चेक करना चाहती थी, कि वो कहां तक पहुंच सकता है। मैं उसको नहीं रोक रही थी, तो उसने मेरे नाइटी में हाथ डाला और मेरा नाडा खोल कर, नाइटी को मेरे बदन से अलग कर दिया। (प्यासी चूत भूखा देवर)

अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। फिर उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे बूब्स को चुमने लग गया। फिर वो धीरे-धीरे मेरी पैंटी तक पहुंच गया और मेरी पैंटी भी उतार दी और मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी।

अब वो मुझे चुम रहा था और उसके बदन पर अभी भी कपड़े वैसे ही थे। मैं जान-बूझ कर सती-सावित्री बन रही थी। उसी वक्त दरवाजे पर किसी के खट-खटाने की आवाज आई।

मैं एक-दम से आवाज सुन कर डर गई, क्योंकि मैं पूरी नंगी थी। मेरा लाड़ला देवर भी डर गया था, अचानक इस वक्त कौन आ गया।

उसने मुझे जल्दी से अपने बाथरूम में कपड़े पहनने के लिए भेजा और खुद दरवाजा खोलने चला गया। दरवाजे पर मेरी सास आई हुई थी, क्योंकि मेरे ससुर को दिल का दौरा पड़ गया था।

मेरा देवर ये बात सुन कर भागते हुए मेरे ससुर को देखने गया।जैसा ही वो दोनों रूम से बाहर हुए, मैं भी भाग कर बिना कपड़ो के अपने रूम की तरफ भागी।

क्योंकि मेरे देवर ने जब मेरे कपड़े उतारे थे, तो पूरे फाड़ दिए थे।कपडे फटे होने के करण पहनने के लायक नहीं रहे।

मैं जल्दी-जल्दी से अपने कमरे में चली गई और दूसरी नाइटी पहन कर अपनी सास के कमरे में चली गई।

वहा पर डॉक्टर को चेक अप के लिए बुलाया गया था। डॉक्टर ससुर जी जांच कर रहे थे और हम सब लोग बहुत परेशान थे।

डॉक्टर ने कहा, ससुर जी को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ेगा। इसलिए हम सब ससुर जी को लेके हॉस्पिटल चले गए।

अस्पताल में ससुर जी को एडमिट किया, तो पता चला कि अस्पताल में मरीज के साथ सिर्फ एक व्यक्ति ही रुक सकता है। मेरी सास ने कहा, वो ससुर जी को छोड़ नहीं पाएगी।

फिर समाधान ये निकला, कि सासू माँ ससुर जी के साथ अस्पताल में रुक गयी और मैं अपने देवर के साथ घर आ गयी।

डॉक्टर ने हमें कहा: तुम लोग भी दोपहर में ही आना, क्योंकि यहां पर रुकने का कोई मौका नहीं है।

फिर मैं और नदीम घर वापस आ गए और अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चले गए। मैंने हमेशा की तरह अपना हॉट नाइटी ही पहना था। (देवर को पटा कर चुदवाया)

उस नाइटी में मेरा लगभग पूरा जिस्म साफ दिखता था। मुझे नींद नहीं आ रही थी और मैं अपने बिस्तर पर नदीम के लंड के बारे में सोच-सोच कर पागल हो रही थी।

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तभी अचानक मेरा प्यारा, देवर मेरे कमरे में आ गया और कहने लगा-

नदीम: भाभी मुझे भी नींद नहीं आ रही है।

तब मैंने उसको अपने पास बुलाया और अपने ही बिस्तर पर उसको सोने के लिए बोला।

आज मैंने उससे चोदने का पक्का इरादा किया हुआ था और अपने इरादे को कामयाब करने के लिए उसे अपने पास तो लाना ही था।

मैं उसका हाथ अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी और ये जाहिर करने लगी, जैसे हम दोनों ही सोने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन नींद हमसे कोसो दूर थी।

फ़िर मैंने नदीम से पूछा-

मैं: तुम्हें आज क्या हुआ था, जो तुम मेरे साथ ऐसा रहे थे।

इस पे उसने कहा: पता नहीं, लेकिन जब तुमने सहारा दिया, तो मुझे लगा कि शायद तुम ही मेरी सच्ची दोस्त हो और मेरे अरमानों को समझती हो। तो इसलिए मुझसे ये गलती हो गई।

तब मुझे लग रहा था, कि मेरा बकरा मुझे नहीं मिलेगा, तो मैंने उसको कहा-

मैं: अरे इसमे सॉरी कोई बात नहीं है, जब हम दोस्त हैं तो ऐसी बातें तो होंगी ही ना।

और ये बोल कर मैंने उसको फिर से गले लगा लिया और उसके होठों पर एक प्यारी सी किस दे दी। इस बार मैं उसको छोड़ना नहीं चाहती थी, चाहे कुछ भी हो जाए।

फिर ऐसे ही एक दूसरे की बातो में 10 मिनट गुज़ारने के बाद, उसने मुझे फिर से किस करना शुरू कर दिया। इस बार मैं भी उसका साथ दे रही थी।

फिर धीरे-धीरे उसने मेरी नाइटी उतारा और मैंने भी उसके कपड़े उतार दिये।

अब मैं उस पर टूट गई और उसका लंड चुमने लग गई और मैंने उसको कहा-

मैं: आई लव यू मेरी चूत के राजकुमार।

और वो मेरी चूत चाटने लग गया। अब वक्त था मेरी और मेरे देवर की पहली चुदाई का, हम दोनो भूखे प्यासे थे और वो भी पहली बार चुदाई का स्वाद चखने वाला था, इसलिए उसको ये सब करने में मजा आ रहा था।

मैंने उसको अपनी दोनों टांगो के बीच में पोजीशन लेने को कहा और उसके कमर के चारो तरफ अपनी टांगो को लपेट कर, उसके लंड को अपनी गर्म चूत पर सेट कर लिया।

फिर मैंने उसको अपने लंड को धक्का देने को कहा।जैसा मैंने उसको बोला, उसने वैसा ही किया। उसका लंड मेरी चूत के अंदर था और अब उसको भी मजा आने लगा।

अब वो धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर-बाहर करने लग गया था। वो ठीक से मुझे चोद रहा था। मैं आअहह.. आअहह.. कर रही थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था। (देवर को पटा कर चुदवाया)

काफ़ी दिनों के बाद मुझे लंड का स्वाद मिल रहा था। मैं उससे पूरी तरह संतुष्ट होना चाहती थी। मेरी लंड की भूकी चूत को वो बड़े प्यार से चोद रहा था, उसे मेरी चूत मारने में मजा आ रहा था और आख़िर में हम दोनों एक साथ ही डिस्चार्ज हो गए।

उस रात उसने मुझे 2 बार चोदा। अब हम दोनो रोज़ चुदाई करने लग गये थे। मेरी सास को पता भी नहीं था, कि उनका भांजा उनकी बहू की चूत की प्यास रोज़ बुझाता है और वो भी बड़े चाव से।

मेरे पति को भी नहीं पता, उसका चचेरा भाई कैसे उसकी कमी को पूरा करता है। और मेरी चूत में रोजाना अपने लंड के पानी की बाढ़ लाता है।

तो कैसी लगी आपको मेरी हिंदी कहानी। अगर आपको कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताए। धन्यवाद।

By admin

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