Tight Bur Chudai ki kahani

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंशुल है और आप सभी की तरह मैं भी Hindi Sex Stories का दीवाना हूँ। मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है और मैं अब तक न जाने कितनी कहानियों का आनन्द ले चुका हूँ। (Tight Bur Chudai ki kahani)

दोस्तों, पिछली बार जब मैंने आप सभी की सेवा में अपनी कहानियाँ लिखीं और तैयार कीं तो मुझे बहुत खुशी हुई क्योंकि यह आपके प्यार का ही नतीजा है कि आज हम जैसे लोग अपनी भावनाओं या किसी घटना को लिखकर व्यक्त कर पा रहे हैं। 

दोस्तो, जैसा कि आप सभी पाठक अच्छी तरह से जानते हैं कि मैं जम्मू का रहने वाला हूँ और मुझे सेक्स करना कितना पसंद है। दोस्तों आज जो घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ वो मेरी जिंदगी का सबसे मजेदार सेक्स अनुभव है और ये घटना बहुत ही रोमांचक है.

दोस्तों यह घटना मेरे साथ नवंबर 2006 में घटी थी और यह तब की बात है जब हमारे पड़ोस में एक नया किरायेदार रहने आया था, उसके घर में दो बहनें, एक छोटा भाई और उनकी माँ थी.

दोस्तों सबसे बड़ी बहन का नाम रिया था और छोटी बहन का नाम आशु था और उन दोनों के स्तन बहुत अच्छे आकार के और मोटे मोटे थे, जिन्हें देखकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ.

दोस्तों में अपने घर की छत पर अपने आने वाले पेपर की तैयारी कर रहा था और तभी छोटी बहन जिसका नाम आशु था वो मुझे हमेशा छुपकर देखा करती थी.

दोस्तो, उस समय उस लड़की की उम्र लगभग बीस साल रही होगी, लेकिन मैं हमेशा उसकी गोल-मटोल बांहों का दीवाना रहता था। मुझे लगता है कि उसके खिलौने का साइज़ लगभग 34-28-34 होगा.

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दोस्तों उसका गोरा बदन उसकी जवानी को साफ दर्शाता है, जो मुझे हमेशा अपनी तरफ आकर्षित करता है और उसकी सुंदरता को देखकर मेरे मुहं में हमेशा पानी आ जाता है और में उसे देखने के लिए ललचाता हूँ.

दोस्तों जब यह एक झूलती हुई मोटरसाइकिल थी तो इसके मछुआरों के साथ-साथ इसके हथियार भी चलते थे और देखने में आकर्षक लगते थे। फिर धीरे-धीरे मैं उसकी तरफ देखने लगी और वह भी मेरी तरफ देखने लगा, जो मेरे लिए एक अच्छा संकेत था, जिससे मैं बहुत खुश था. दोस्तो, हमारे बीच काफी समय तक ऐसा चलता रहा और वो बीच-बीच में मेरी तरफ से मेरी तस्वीरें देखने आते रहे।

एक शाम उसने मुझे फोन करके एक छोटी सी बात पूछी और फिर मैंने पूछा कि आपका नाम क्या है? अंदर ही अंदर डर भी था कि कहीं कोई मुझ पर गुस्सा न कर दे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

फिर उसने मुझे बताया कि उसका नाम आशु है और फिर मैंने कहा कि तुम कितनी प्यारी हो और उसके बाद उसकी तस्वीर दिखाई गई. उसके बाद हम दोनों इधर उधर की बातें करते रहे.

अब मैं पूछता हूं, क्या तुम्हें मेरी कोई बात बुरी लगी? वह अपने उज्ज्वल मुस्कुराते चेहरे से देखता रहा कि जैसा आप सोच रहे हैं वैसा कुछ भी नहीं है। अब मैंने कहा कि इसका क्या मतलब है कि अब तुम मुझसे हर दिन बात कर सकती हो? अब वो हंसने लगी और सोचने लगी कि हाँ बिल्कुल, तुमसे बात करके मुझे क्या परेशानी हो सकती है? मुझसे बात करके अच्छा लगा.

फिर इसी तरह हम दोनों रोज कभी सुबह कभी शाम को छत पर बातें करने लगे और जब भी मिलने का मौका मिलता तो हम दोनों रात को भी छत पर बातें करने लगे. दोस्तों मुझे उससे बात करने में बहुत मजा आने लगा था.

एक दिन हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे और कुछ देर बाद वह मुझसे कहने लगा कि मेरा हाथ बहुत ठंडा हो रहा है। फिर में उसके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत चकित हो गया और मैंने उसका एक हाथ पकड़ लिया और उसके चाकू को टटोला, क्योंकि उसका हाथ बहुत ठंडा था.

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फिर मैंने उसके हाथ को कुछ देर सहलाकर गर्म करने के बाद वोट दिया. अब उसने झट से अपना हाथ हटा लिया, मैंने कहा क्यों क्या हुआ? फिर उसे दिखने लगा कि कुछ भी नहीं है और कुछ देर बाद वो चली गई और पूरी रात उसके बारे में सोचती रही.

फिर अगली रात मैंने कुछ देर बात करने के बाद उसका मूड देखकर कहा कि में एक बार दोस्ती करना चाहता हूँ. अब वो ये देखने के लिए फिल्म देखने लगी कि कोई हमें ये सब करते हुए देख तो नहीं लेगा? मैं बहुत डर।

फिर मैंने भी उसकी बात को ध्यान में रखते हुए कहा कि हाँ ठीक है रात को चलते हैं, अगर दिन के उजाले में किसी ने हमें देख लिया तो हम दोनों के लिए ठीक नहीं होगा.

फिर उसी रात मैंने सबसे पहले उसके हाथ पर अपना हाथ उठाया और फिर उसके सुंदर गोरे चेहरे पर भी हाथ फेरा और फिर एक बार अपने चेहरे पर भी हाथ फेरा। अब मुझे तुरंत समझ आ गया कि उसकी तरफ से भी ये सब करने के लिए हाँ है.

अब वो भी मेरे साथ ये सब करने के लिए तैयार हो गई, क्योंकि अब भी उसे वो काम करने में मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसी पल साथ का फायदा उठाया, जिसमें उसने अपनी मूंछों पर मूंछें रख लीं और नीचे अपना गुलाबी, रसीला लंड हिलाने लगा.

फिर कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी कमर पर चला गया. उसकी फाइलकार्ड अपनी कमर हिलाने लगी, लेकिन उसने साफ तौर पर किसी भी तरह का विरोध नहीं किया, जिससे पहले तो मेरी कमर बहुत बढ़ गई और अब मेरा एक हाथ उसकी कमर पर चला गया.

दोस्तों वो फिर भी चुप रही और मेरे छूने पर मुझे महसूस हुआ कि उसका गोपाल बिल्कुल नंगा है और यह मेरा अनुभव था, जब मैंने किसी के गोपाल को अपने हाथों से पकड़ा था और उसका पेट भरा हुआ था.

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अब मैंने पूछा कि यह प्राकृतिक अवस्था क्या है? वो टैब देखने लगी और क्या? हां, ऐसा ही है, अब मेरे सामने ज्यादा मूर्ख मत बनो।

फिर उसी समय हमने कुछ आवाज़ की और उस आवाज़ को सुनकर हम तुरंत अपनी-अपनी छत से नीचे चले गये. अब नीचे अपने कमरे में उसने पहली बार उस मनोरंजन के बारे में सोचा और सो गया।

मुझे तो पता ही नहीं था. फिर अब हम दोनों हमेशा उसी रंगीन मूड में पड़े रहते थे, जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे से बिल्कुल खुल गये थे. अब दिन की यात्राओं से हमारे बीच की दूरी कम हो गई।

अब में किसी खास मौके के इंतज़ार में रहने लगा था, जिसका फायदा उठाकर में उसके साथ जमकर हमारी पहली चुदाई के मज़े ले सकता। फिर एक दिन मेरे घर सभी घर वाले हमारी अच्छी किस्मत से एक शादी में चले गये और वो लोग अगली दिन वापस आने की बात मुझसे कहकर मुझे अपने घर में अकेला छोड़कर चले गए।

फिर मैंने कहा कि आज हमारे पास बहुत अच्छा मौका है तुम मेरे घर आओ और वह सोचने लगती है कि घर जाने का क्या मतलब है? फिर मैंने कहा कि हम दोनों मेरे घर में आराम से बातें करेंगे और जब अकेले होंगे तो किसी से डरेंगे नहीं. अब वो कहने लगी कि हाँ ठीक है में आ जाउंगी और कुछ देर बाद वो मेरे घर पर आई और पहले तो हम दोनों ने आराम से बातें की और हंसी मजाक किया.

फिर मैंने उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से कुछ देर बाद वो भी गर्म होने लगी और वो तुरंत मुझसे लिपट गई. अब वो मुझसे लिपट गयी और पूरा मजा लेने लगी.

अब उसके स्तन मेरी छाती से दबे हुए थे और फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और अब मैं उसकी गर्दन और चेहरे को चूमने लगा।

अब मैंने उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया, जिससे वो भी कुछ ही देर में गर्म हो गई और फिर मैंने उसकी शर्ट को ऊपर उठा दिया.

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अब मैंने देखा कि उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैंने पहले उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को एक बार चूमा और फिर ब्रा भी उतार दी. फिर उसने मेरी शर्ट भी उतार दी और अब मेरे सामने उसके गोरे नंगे मम्मे थे, जिन्हें मैं शुरू से ही बहुत पसंद करता था और पहली बार उसके मम्मों को अपने सामने पूरा नंगा देखकर तो मैं पागल हो गया.

अब में उसके एक बूब को चूसने लगा और दूसरे को अपने हाथ से दबाने लगा और बहुत देर तक में उसके बूब के साथ मज़े लेता रहा और कुछ देर बाद मुझे जोश आने लगा.

अब नीचे मेरा लंड उसके कपड़ों के ठीक ऊपर उसकी चूत पर था, मैं ऊपर से हिल रहा था और वो नीचे से हिल रही थी. फिर मैं अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया.

फिर मुझे छूने से पता चला कि उसने अपनी सलवार के अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और छूने से मुझे लगा कि ज्यादा जोश के कारण सलवार चूत वाली जगह से गीली हो गयी थी.

दोस्तों आज के लिए बस इतना ही आगे की कहानी अगले भाग मेंआपको मेरी आज की कहानी कैसी लगी कृपया मुझे कमेंट के माध्यम से बताएंऔर ऐसी ही और कामवासना से भरी कहानी पढ़ने के लिए flipoads.com को सब्सक्राइब करें

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