Tight Bur ki Chudai ki kahani Part-2

Tight Bur ki Chudai ki kahani में अब तक आपने पढ़ा किस तरीके से मैंने रिया को अपनी बातों में फसाया और सेक्स करने के लिए मना लिया

अब आगे की कहानी:

मैं: क्या हुआ मेरी जान? तुम भी नंगे, हम भी नंगे, तो अब शर्म कैसी?

कल्पना : निकल बदमाश.

मैं: मैं नहीं जाऊंगा, मैं तुमसे प्यार करूंगा, बताओ तुम क्या करोगे?

कल्पना- तो फिर मैं भी तुमसे प्यार करूंगी.

अब मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसकी गर्दन पर चूमने लगा.

कल्पना : प्लीज अब मुझे और मत तड़पाओ, में कब से तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ.

अब मैं उसके होंठों को चूमने लगा और अपना एक हाथ उसकी चूत पर फिराने लगा। अब वो पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी. फिर उसने हाथ जोड़कर कहा कि प्लीज मुझे अब और मत तड़पाओ, अगली बार तुम जो चाहो कर लेना, लेकिन इस बार अपना लंड मेरी चूत में डालकर इसकी खुजली मिटा दो, नहीं तो में पागल हो जाउंगी.

फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने उसे बाथरूम के गीले फर्श पर लेटा दिया. उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल उगे हुए थे, ऐसा लग रहा था जैसे उसने कुछ दिन पहले ही शेव की हो। फिर मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर उसकी चूत पर रखा और थोड़ा सा आगे की तरफ दबाया, लेकिन मेरा लंड फिसलकर नीचे चला गया.

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फिर मैंने कुछ सोचा और वहां रखी क्रीम ले आया और अपनी उंगली पर लेकर उसकी चूत के अंदर तक लगा ली और थोड़ी सी अपने लंड पर भी लगा ली.

फिर मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा, तो उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत का मुँह चौड़ा करने की कोशिश की, तो मैंने एक बार फिर कल्पना की चूत पर अपना लंड रखा और पूछा कि क्या डालूँ? तो फिर उसने हाँ कह दिया. फिर मैंने ज़ोर से शॉट मारा और मेरा करीब 2 इंच लंड अंदर चला गया, लेकिन वो अचानक चिल्लाने लगी, ओह मम्मी, में मर गयी, प्लीज़ मुनेश, इसे बाहर निकालो, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज़ इसे बाहर निकालो, में नहीं चोदूंगी. . . अब उसकी आंखों में आंसू थे.

फिर मैंने सोचा कि अगर मैंने इसे बाहर निकाला तो यह मुझे वापस अंदर नहीं डालने देगी, इसलिए मैंने कहा कि ठीक है, मैं इसे बाहर निकालूँगा और उसके स्तन दबाने लगा और उसके होठों को चूमने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद कल्पना को थोड़ा आराम मिला तो मैंने अपने लंड को थोड़ा हिलाया, लेकिन वो फिर से मना करने लगी.

फिर मैंने कहा कि अरे में अंदर नहीं डाल रहा हूँ, बाहर निकाल रहा हूँ और फिर जैसे ही उसने अपना शरीर ढीला किया तो मैंने एक जोरदार शॉट मारा और मेरा आधे से ज्यादा लंड अंदर चला गया. तभी उसके मुँह से आवाज़ निकली- आह मम्मी मार डालो मुझे, ओह मम्मी, मैंने तुम्हें मना किया था कि मत डालो, लेकिन तुम नहीं मानी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

में मर जाउंगी, आआअहह, ओह, ओह, माँ, मार डाला उसने मुझे, अब वो ऐसे चीखने-चिल्लाने लगी. फिर मैंने सोचा कि शायद बहुत दर्द हो रहा है तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया. अब इसके लिए भी मुझे थोड़ी मेहनत करनी पड़ी.

फिर जैसे ही मेरा लंड बाहर आया तो उसे देखकर में तो बहुत डर गया, क्योंकि अब मेरा पूरा लंड खून से सना हुआ था और कल्पना की चूत से भी खून टपक रहा था. फिर उसे देखते ही बोली कि हे भगवान, तुमने तो मेरी चूत फाड़ दी, देखो कितना खून निकल रहा है? आआअहह, ऊऊहह, ओह माँ और फिर रोने लगी।

मैं फिर से उसके होंठों को चूसने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा, लेकिन इस बार उसने मुझे दोबारा अपना लिंग अन्दर नहीं डालने दिया. फिर करीब 15-20 मिनट के बाद वो शांत हो गयी तो मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डालने की कोशिश की तो वो बोली

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कल्पना : नहीं, तुम मुझसे चुदाई मत करवाओ, तुमने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है.

में : पहले तो मैं कह रहा था कि मुझे चोदो नहीं तो में मर जाउंगी, पागल हो जाउंगी.

कल्पना : मुझे क्या पता कि इतना दर्द होता है?

में : ठीक है, अब धीरे-धीरे डालूँगा और दर्द नहीं होगा, अगर होगा तो शुरू में थोड़ा सा होगा और फिर तुम्हें जन्नत का मज़ा मिलेगा।

फिर किसी तरह मैंने उसे मना लिया और अब मैंने तय कर लिया था कि इस बार नहीं मानूंगा. फिर मैंने दोबारा अपने लंड पर थोड़ी सी क्रीम लगाई और कल्पना की खून से सनी हुई चूत पर अपना लंड रखा और पूरी ताकत से एक धक्का मारा और कल्पना की आँखें बाहर आ गईं. अब वह वैसे ही तड़पने लगी जैसे मछली पानी से बाहर निकालने पर तड़पती है.

अब उसने छूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर धक्के लगाने लगा. अब वो रोने लगी, लेकिन मैं नहीं माना.

फिर 3-4 मिनट के बाद उसे थोड़ा आराम महसूस होने लगा तो मैंने उसके होंठों से अपने होंठ हटा दिये. फिर वो बोली कि लगता है आज तुम मुझे मार कर ही मानोगे, तुम मेरे साथ सेक्स कर रहे हो या मेरा रेप कर रहे हो, हट जाओ नहीं तो मैं चिल्ला दूंगी, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और अपने धक्के जारी रखे.

फिर कुछ देर के बाद कल्पना को भी मज़ा आने लगा, ऑश, आअहह और अंदर डालो, फाड़ दो मेरी चूत के टुकड़े, ओह मेरे राजा, मुझे क्या पता था कि चोदने में इतना मज़ा आता है? और ज़ोर से, मेरी चूत में छेद कर दो, मुझे चोदो और ज़ोर से धक्के मारो, इस तरह चिल्लाने लगी।

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अब घर में कोई नहीं था तो हमें कोई चिंता नहीं थी. फिर अचानक कल्पना ने कहा कि अब में तुम्हें चोदूंगी और फिर उसने मुझे नीचे लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गयी और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगी.

अब वो मेरे ऊपर चढ़कर धक्के लगा रही थी और मैं नीचे से धक्के लगा रहा था. अब ऐसा लग रहा था जैसे कोई प्रतियोगिता चल रही हो, ओह मेरे राजा, मेरे मुनेश, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं कोई जानवर हूँ, चोदो मुझे, वाह मेरे राजा, आज मेरी चूत फाड़ दो और फिर अचानक से वो बोली कि आह! आ रहा हूँ.

फिर मैंने कल्पना को नीचे पटक दिया और तूफानी गति से धक्के लगाने लगा. तभी अचानक कल्पना मुझसे चिपक गयी. तब मुझे समझ आया कि ऐसा क्यों हुआ? और फिर कुछ धक्कों के बाद मुझे थकावट महसूस होने लगी। फिर हम दोनों वही फर्श पर लेटे रहे.

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